🌞 भगवद गीता | अध्याय 1 — अर्जुन विषाद योग

अध्याय 1: अर्जुन विषाद योग के सभी श्लोक हिंदी में पढ़ें। प्रत्येक श्लोक का संस्कृत पाठ, हिंदी अनुवाद और व्याख्या।

अध्याय 1: अर्जुन विषाद योग

यह अध्याय कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में शुरू होता है, जहाँ अर्जुन अपने ही परिवार और गुरुओं के विरुद्ध युद्ध करने के विचार से व्यथित हो जाते हैं। इस अध्याय में अर्जुन के मन की दुविधा और विषाद का वर्णन है।

अध्याय 1 के सभी श्लोक

श्लोक 1 से 20

श्लोक 1

धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे...

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श्लोक 2

दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं...

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श्लोक 3

पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य...

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श्लोक 4

अत्र शूरा महेष्वासा...

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श्लोक 5

धृष्टकेतुश्चेकितानः...

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श्लोक 6

युधामन्युश्च विक्रान्तः...

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श्लोक 7

अस्माकं तु विशिष्टा ये...

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श्लोक 8

भवान्भीष्मश्च कर्णश्च...

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श्लोक 9

अन्ये च बहवः शूरा...

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श्लोक 10

अपर्याप्तं तदस्माकं...

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श्लोक 11

अयनेषु च सर्वेषु...

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श्लोक 12

तस्य सञ्जनयन्हर्षं...

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श्लोक 13

ततः शङ्खाश्च भेर्यश्च...

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श्लोक 14

ततः श्वेतैर्हयैर्युक्ते...

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श्लोक 15

पाञ्चजन्यं हृषीकेशो...

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श्लोक 16-20

अनन्तविजयं राजा...

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श्लोक 21 से 47

श्लोक 21-23

सेनयोरुभयोर्मध्ये...

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श्लोक 24-25

एवमुक्तो हृषीकेशो...

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श्लोक 26-27

तत्रापश्यत्स्थितान् पार्थः...

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श्लोक 28-30

दृष्ट्वेमं स्वजनं कृष्ण...

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श्लोक 31-35

न काङ्क्षे विजयं कृष्ण...

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श्लोक 36-38

पापमेवाश्रयेदस्मान्...

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श्लोक 39-42

अधर्माभिभवात्कृष्ण...

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श्लोक 43-45

उत्सन्नकुलधर्माणां...

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श्लोक 46-47

एवमुक्त्वार्जुनः संख्ये...

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